तिथि: शनिवार, 21 जून 2025 | एकादशी प्रारंभ: 20 जून रात 09:36 बजे | समापन: 21 जून रात 08:25 बजे | पारण: 22 जून प्रातः 05:23 से 08:12 तक
योगिनी एकादशी का महत्व
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाने वाली योगिनी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत आत्म-शुद्धि, पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने जितना पुण्य प्राप्त होता है।
पुराणों के अनुसार, योगिनी एकादशी का व्रत करने से पूर्व जन्मों के पापों का शमन होता है और मनुष्य मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
व्रत के लाभ
- पूर्व जन्मों के पापों से मुक्ति
- मानसिक शांति और आत्मिक शुद्धता
- रोगों और दरिद्रता से सुरक्षा
- आध्यात्मिक शक्ति और मोक्ष प्राप्ति
व्रत विधि और पूजन तरीका
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
- श्रीहरि विष्णु की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीप, अगरबत्ती, पुष्प और नैवेद्य से पूजा करें।
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें।
- दिनभर फलाहार करें और अन्न, चावल, तामसिक भोजन से परहेज़ करें।
- रात्रि में भजन-कीर्तन करें और श्रीविष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
एकादशी व्रत में क्या खाएं?
- साबूदाना खिचड़ी, फल (सेब, केला, पपीता), मखाने
- दूध, दही, नारियल पानी, नींबू शरबत
- सेंधा नमक से बना हल्का भोजन (आलू, शकरकंद इत्यादि)
वर्जित वस्तुएं: चावल, गेहूं, दालें, प्याज, लहसुन, मांस, शराब
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और योगिनी एकादशी
21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है, जिससे योगिनी एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन योग, ध्यान और प्राणायाम करने से मन, शरीर और आत्मा तीनों में संतुलन आता है।
व्रत के साथ योग का अभ्यास करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
विशेष उपाय: रोग और पाप से मुक्ति के लिए
- तुलसी जी के समक्ष दीपक जलाकर प्रार्थना करें।
- गंगाजल से स्नान या छींटे लें।
- घर पर हवन करें – नीम, कपूर, गिलोय जैसी औषधियाँ समर्पित करें।
- गरीबों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करें।
निष्कर्ष
योगिनी एकादशी न केवल एक व्रत है, बल्कि आत्म-संयम, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा से भरने वाला आध्यात्मिक पर्व है। इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत करने से व्यक्ति अपने दोषों से मुक्त होता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
PanditVerse परिवार की ओर से आप सभी को योगिनी एकादशी की मंगलकामनाएं।
“व्रत करें, सेवा करें, और ईश्वर को अपने हृदय में स्थान दें – यही योगिनी एकादशी का सच्चा संदेश है।”